1. योजना क्या है और इसका उद्देश्य क्या है
गरीब किसानों के लिए भारत सरकार द्वारा चलाई गई यहां प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान यानी PM KUSUM योजना मार्च 2019 में शुरू हुई थी। इसका मकसद गरीब किसानों को सोलर पंप देना है जिससे कि बिजली कम खर्च होगी और किसानों को कोई परेशानी नहीं होगी। जैसा कि आपको पता है, आज भी भारत के कुछ इलाकों में पूरी तरीके से बिजली नहीं पहुंची है और वहां पर किसानों को बड़ी परेशानी होती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने किसानों के लिए फ्री सोलर पंप योजना (PM‑KUSUM) चलाई है। इस योजना के तहत मार्च 2026 तक कुल 34,800 MW सौर क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें केंद्र सरकार करीब ₹34,422 करोड़ रुपए की कुछ राशि देगी। इस योजना में आप कैसे आवेदन कर सकते हैं उसकी पूरी जानकारी इस आर्टिकल में है। कृपया करके पूरा आर्टिकल

2. योजना की तीन मुख्य घटक
- Component‑B: Stand‑alone Solar Pumps : यह भाग किसानों को ऑफ‑ग्रिड क्षेत्रों में स्टैंडअलोन सोलर कृषि पंप उपलब्ध करवाने पर केंद्रित है। हर किसान 7.5 HP तक के पंप ले सकता है। केंद्र सरकार 30% सब्सिडी (CFA) देती है, राज्य सरकार कम से कम 30% देती है, और बाकी 40% किसान का योगदान होता है। और आप किसान बैंक से 30% तक लोन ले सकते हैं जिससे केवल 10% राशि ही काम में लेनी होगी। मेरे हिसाब से आपके लिए किसान लोन योजना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। आप उससे लोन ले सकते हैं। अगर आपकी आर्थिक स्थिति सही नहीं है तो
- Grid‑connected Pumps Solarization : यह योजना उन किसानों के लिए है जिनके पास पहले से ग्रिड‑कनेक्शन वाले पंप हैं। उन्हें सोलर पैनल लगाकर ग्रिड से जुड़कर बिजली मिलती है और अतिरिक्त बिजली DISCOM को बेची भी जा सकती है। इस कंपोनेंट पर भी 30% CFA + 30% राज्य सब्सिडी रहती है, बाकी 40% किसान का योगदान। बैंक लोन की सुविधा भी मिलती है (10% आपकी राशि रहती है ).
- Grid‑connected Solar Power Plants : यह विकल्प किसानों/FPOs/सहकारी समूहों को 0.5 MW से 2 MW तक के छोटे ग्रिड‑कनेक्टेड सोलर प्लांट लगाने के लिए है। ये बिजली डिस्कॉम को बेची जाती है और पावर खरीद पर परफॉर्मेंस-बेस्ड इंसेंटिव ₹0.40 प्रति यूनिट या ₹6.6 लाख प्रति MW/वर्ष दिया जाता है।
3. योजना के फायदे
- किसानों को बिजली बिल में बचत; पारंपरिक बिजली या डीज़ल खर्च कम होता है।
- सुधार आय का स्रोत: अतिरिक्त बिजली DISCOM को बेचकर आमदनी होती है।
- पर्यावरण‑अनुकूल खेती: सौर ऊर्जा आधारित खेती से प्रदूषण कम।
- धोखाधड़ी से बचें: महाराष्ट्र में किसानों को फर्जी कॉल्स और वेबसाइट्स के माध्यम से धोखा देने वाले मामलों को लेकर सावधानी बरतने के लिए चेतावनी जारी की गई है। योजना पूरी तरह ऑफिशियल पोर्टल पर होता है, एक बार किसान अपनी हिस्से की राशि भरने के बाद किसी अन्य भुगतान की जरूरत नहीं होती है.
- राजस्थान की उपलब्धि: राजस्थान ने PM‑KUSUM स्कीम के तहत 1,000 MW से ज़्यादा सौर क्षमता हासिल की, जिससे करीब 1.7 लाख किसान लाभान्वित हुए। वहां के किसान ₹3 प्रति यूनिट तक सस्ती बिजली पा रहे हैं.

4. कौन आवेदन कर सकता है
- भारत का नागरिक हो और किसान समुदाय से हो
- आपके नाम पर खेती योग्य भूमि हो (खतौनी/भूलेख आवश्यक)
- आधार कार्ड और बैंक खाता जरूरी
- Grid‑connected पंप या ऑफ‑ग्रिड पंप के अनुसार Component‑B या C के अंतर्गत आवेदन कर सकते हैं
- पहले से ग्रिड कनेक्शन न होने पर प्राथमिकता दी जाती है.
5. आवेदन प्रक्रिया ( ऑनलाइन तरीके से )
- आधिकारिक PM‑KUSUM पोर्टल pmkusum.mnre.gov.in पर जाएँ
- Apply for Solar Pump सेक्शन चुनें
- राज्य, जिला व(Component‑B या C) चयन करें
- आधार OTP से लॉगिन करें
- जरूरी दस्तावेज (आधार, बैंक पासबुक, भूमि दस्तावेज, फोटो) अपलोड करें
- आवेदन जमा करने के बाद आवेदन संख्या नोट करें
6. दस्तावेजों की सूची
- आधार कार्ड कॉपी
- बैंक पासबुक कॉपी
- भूमि के दस्तावेज (खतौनी/भूलेख)
- पासपोर्ट साइज़ फोटो
- मोबाइल नंबर
- किसान पंजीकरण प्रमाणपत्र (यदि आवश्यक हो)
7. आवेदन करते समय ध्यान देने योग्य बातें
- केवल विश्वासपात्र अधिकारिक वेबसाइट से ही आवेदन करें—कई फर्जी पोर्टल और कॉल्स धोखाधड़ी के लिए बनाये गए हैं (विशेषकर महाराष्ट्र से संबंधित चेतावनी जारी हुई है)।
- किसान को सिर्फ अपनी 10% ‑ 40% लागत भरनी है, बाकी का हिस्सा सब्सिडी/लोन के रूप में कवर होता है।
- रेल‑रेल CAPTCHA या OTP प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल और सुरक्षित होती है।
- राज्य सरकार की अलग सब्सिडी नीति हो सकती है, जैसे UP, राजस्थान, MP में अलग‑अलग रियायतें उपलब्ध हैं.
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FAQ
1. क्या पंप पूरी तरह फ्री मिलता है?
नहीं, किसान को 10–40% कॉन्ट्रिब्यूशन देना होता है। बाकी 60% सब्सिडी केंद्र व राज्य सरकार मिलाती हैं।
2. ऑफ‑ग्रिड और ग्रिड‑कनेक्टेड पंप में क्या अंतर है?
ऑफ‑ग्रिड (Component‑B): जहाँ बिजली नहीं, वहीं पर standalone पंप मिलता है।
Grid‑connect (Component‑C): जहाँ बिजली पहले से है, वहाँ सोलर पैनल जुड़े पंप मिलते हैं।
3. आवेदन पोर्टल कौन सा सुरक्षित है?
सरकारी पोर्टल जैसे pmkusum.mnre.gov.in या राज्य‑सरकार द्वारा संचालित पोर्टल से ही आवेदन करें।
4. क्या आवेदन की कोई अंतिम तिथि है?
Component‑B के तहत आवेदन अप्रैल‑अगस्त 2025 तक खुला है, कई राज्यों में 31 अगस्त 2025 है — हाल ही में नोटिफिकेशन जारी किया गया है
Disclaimer
दोस्तों, यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य के लिए लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी विभिन्न सरकारी पोर्टल्स और विश्वसनीय समाचार स्रोतों पर आधारित है। हम किसी भी प्रकार की आवेदन प्रक्रिया, स्वीकृति, या योजना के लाभों की गारंटी नहीं देते। कृपया किसी भी फॉर्म को भरने से पहले संबंधित राज्य सरकार या आधिकारिक वेबसाइट (pmkusum.mnre.gov.in) पर जाकर पूर्ण जानकारी प्राप्त करें। क्योंकि हम किसी भी फर्जी कॉल, वेबसाइट या भुगतान से जुड़े मामलों के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।